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#छुट्टी नहीं मिलती तो तलवार के साथ विवाह होता
#ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान से दो-दो हाथ करने के लिए कटिबद्ध योद्धा अमित शेखावत का 28 मई को पाणिग्रहण
#22 अप्रैल को पहल गांव के बैसरन घाटी में 26 निर्दोष भारतीय पर्यटकों की निर्मम हत्या का प्रतिशोध लेने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। भारत की तीनों सेनाएं शत्रु से लोहा लेने के लिए कटिबद्ध थीं। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 11एयरबेस पर आक्रमण कर शत्रु को भयाक्रांत किया। वहीं दूसरी तरफ थल सेना रणभूमि में डटी हुई थी । भारतीय थल सेना में सीकर जिले के खाखोली गांव के तीन तीन सहोदर भी समर में रिपु से दो-दो हाथ करने के लिए प्राणपण से डटे हुए थे । खाखोली गांव के किसान जगदीश सिंह शेखावत के चार पुत्रों में से तीन भारतीय थल सेना में हैं । भंवर सिंह शेखावत मांइड कोच है और शेष तीन धर्मेंद्र,अमित और अभय प्रताप भारतीय थल सेना में हैं । बहिन राजस्थान पुलिस में कार्यरत है । इनके चाचा के दो लड़के भी भारतीय थल सेना में हैं।
अमित का विवाह 28 मई को है । घर में जश्न का माहौल है । इनके वैवाहिक कार्ड पर ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख है। यह वायरल कार्ड राजस्थानी भाषा में लिखा गया है। अमित से जब पूछा कि अगर ऑपरेशन सिंदूर जारी रहता और आपको छुट्टी नहीं मिलती तो क्या होता ? इस पर तपाक से बोले -” देश सर्वोपरि है, फिर तलवार के साथ विवाह होता । ”
शेखावत परिवार के इन तीनों योद्धाओं की चर्चा के साथ अमित के विवाह की चर्चा भी जनपद में बनी हुई है। 27 मई को प्रीति सम्मेलन का आयोजन संकल्पित है । इस दिन इन तीनों योद्धाओं का सम्मान भी किया जाएगा।